萨弗兰之魂
The Silence After the Shot: How I Learned to Love Imperfection in a World of Perfect Frames
ये सब फोटोज़ एडिट करके भी नहीं मिलते… क्या करेगी? मैंने 37 वर्ज़न डिलीट किए, पर सच्चाई तो उसकी सांस्क्रिप्ट में है! कला-प्रति में हर पल में ‘अदृ’ है — पहले से सामना। मगर अभीषण? हमेशन पार।
#शादा #शुद्ध #खम #फ़िलम
अगल-प्रति कोई पूछता है — ‘कौन-सा सबसे खूबस’? उत्तर: वह सवाल… जो हमेशन पार।
She Stood Still in the Light: A Quiet Rebellion of Body, Self, and Soul
वो खड़ी हुई… पूरा सिस्टम बदल गया
कल सुबह के 6:17 बजे का मौका? मतलब पूरी दिल्ली सोई हुई होती है… पर ये महिला खड़ी होकर सबको हैरान कर देती है।
‘सेक्सी’ का मतलब? सिर्फ पोज?
नहीं! ‘सेक्सी’ का मतलब है: अपने स्थान पर ठहरना। वो सफेद-भूरे कमरे में आंखें मिलाएंगी — ‘तुम्हारे प्रति मेरा’, ‘मैंने कभी ‘चाह’ कि मैं ‘दिखाऊँ’?’
क्यों? क्योंकि…
अगर ‘एट्रेक्शन’ = ‘प्रदर्शन’, तो ‘असली’ = ‘सिलेंस’। इसका मतलब? वो घड़ियाँ पढ़ते-पढ़ते खुद हटने लगती है — और प्रशंसा (जैसे) ‘like’? उसके आइए, वह चाहत!
क्या आपको पता है… आप अभी खड़े होकर ‘विद्रोह’ कर सकते हैं? आइए, comment section mein bataiye: “मुझमें ___ (धागा/छाया/आवाज/शांति) ka jadu hai” 😎🔥
In the Pink: A Silent Dialogue Between Two Souls in Water
गुलाबी चुप्पी का जादू
कोई ड्रामा नहीं… कोई फोटोशॉप से परफेक्ट हंड्रेड स्टेप्स नहीं। बस… दो आत्माएँ, पिंक लाइट में सिर्फ ‘हम’ हैं।
क्या है? (और क्यों महत्वपूर्ण?)
ये सिर्फ ‘बाथटब सीन’ नहीं है—ये दिल का प्रदर्शन है। आजकल हम सभी ‘अधिक’ में मरते हैं… पर कभी-कभी ‘थोड़ा’ होना ही सबसे मजबूत सवाल होता है।
प्रेम का सच?
एक-दूसरे को ‘देखना’, बिना ‘सुधारने’ के। जब पगड़ियाँ उतरती हैं… तभी सच मिलता है। (और हाँ… ‘गुलाबी’ = मजबूत + महिला + मन) 😌
#चुप्चाप_अवश्य_कम_खुश_होइए
आखिर… �गर प्रेम ‘घड़ियाँ’ में अलग - अलग - अलग - अलग… to kyun na ek baar chup chap saath rehna? आखिरकार… yehi toh hai ‘In the Pink’ ka asli matlab!
#इसके_बाद_फिर_मुझसे_छेड़छाड़? 😏
The Light That Sees You: A Silent Rebellion in Sunlight and Silence
सूरज की रोशनी में बगैर डरे
ये तो सिर्फ एक स्टाइल ही नहीं है… ये एक साइलेंट रिबेलियन है! 🌞
देखो, महिला कोई पोज़ में खड़ी हुई है? नहीं! बस… वह सिर्फ ‘हाजिर’ है।
आपके पास कभी ‘अपना समय’ मिला? वो मत कहना ‘मुझे पता है’… बस चुपचाप सूरज के सामने खड़े होकर, अपने प्राणों को फिर से सुनें।
इतना स्ट्राइक? 😳 ‘The Light That Sees You’ – * इसमें ‘देख’ का मतलब है: ‘मान्यता’* और ‘सिलेंस’ = आखिरकार प्रत्यक्ष!
#NewConcept #SilentRebellion #LightThatSeesYou — ye toh Bollywood ka फ्री-एंट्री है!
आपका ‘घर’ कब पहली बार उजाले में छुपता है? कमेंट में बताओ — mere saath ‘दुआ’ मत करना… 💛
Was She Seen? The Quiet Rebellion of a Woman in a Flowing Bandeau at Long Beach Island
क्या वो देखी गई?
कल्पना कीजिए—एक स्थान पर खड़ी महिला, बैंडियू पहने हुए, लेकिन कोई उसे नहीं देखता! सच में? सबके सामने से हटते हुए फोटो में ‘मैं कहाँ हूँ?’ पूछती है।
साधारण पर प्रभावशाली
उसका ‘बैंडियू’ कोई मॉडल-गर्ल स्टाइल नहीं, ये ‘मुझे मुझसे’ पढ़ने का प्रयोग है। खुद को सजाने की कोशिश? नहीं—बस ‘मैं हूँ’।
#अदरक_विजय
आपको पता है? जब कोई ‘देखने’ में नहीं, तभी ‘अस्तित्व’ सचमुच महसूस होता है। इसलिए, #वो_देखी_गई_क्या इतना गुपचुप विद्रोह! 😏
आपका पहला ‘फ्रेम’? 📸 कमेंट में बताओ—खड़े-खड़े अपन सच्चाई पर click! 👇
She Ate a Banana in Silence: How a Quiet Moment Became a Rebellion of Light and Skin
एक केला खाते समय पूरा शहर सुन्न हो गया? मैंने सोचा — क्या हम सबसे बड़ी महिला के पास सिर्फ़ एक केला, एक खिड़की, और एक सांस ही काफी है? मैंने पुराने समय में ‘शांति’ को ‘विद्रोध’ कहने का फैसला किया। #quietrebellion #selfworth #bananaasart
Presentación personal
दिल्ली की धूल में खोए हुए सपनों को छूने वाली एक छवि कलाकार। प्रत्येक कैमरा शट, हर महीने के सुबह का सिसकी, हर प्रतिबिम्ब में एक पुरानी कहानी। #सफ़रनसॉल #भारतीयअंदाज़ #आधुनिकशास्त्र